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आसनसोल समेत राज्य के 7 शहरो में भूमिगत बिजली के तार बिछाने में खर्च होंगे 315 करोड़ 39 लाख

आसनसोल: सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले 4 वर्षो में राज्य के 7 शहरो के साथ-साथ आसनसोल की तंग गलियो, सड़को, मोहल्लो में लगी बिजली के खंभे नजर नहीं आएंगे। सब विद्युत की तारे अंडरग्राउण्ड कर दिए जाएंगे। इस योजना में विश्व बैंक ऋण के तौर पर 70 प्रतिशत और राज्य 30 प्रतिशत खर्च कर रही है। पश्चिम बंगाल के 7 शहरों को चिन्हित किया गया है। जहां खंभो में लटके विद्युत के तारो से छुटकारा दिलाने का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है। इनमें आसनसोल-1 और 2 के अलावा चंदननगर, खड़गपुर, बागुईआटी, राजारहाट और बारुईपुर शहर शामिल है। लगभग 2800 करोड़ रुप से अधिक खर्च किए जाएंगे एवं यह कार्य वर्ष 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य भी रखा गया है। आसनसोल शहर को विद्युत विभाग दो भागो में बांटकर काम कर रही है। दोनो विभागो में 832.616 किलोमीटर तक अंडरग्राउण्ड तार बिछाए जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि आसनसोल में अब तक 776 किलोमीटर तार जमीन के अंदर बिछाए जा चुके है। इन 7 शहरो में अंडरग्राउण्ड विद्युत के तार बिछाने में 315 करोड़ 39 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। अब देखना यह है कि विद्युत मंत्रालय कितनी तेजी से यह काम कर बिजली उपभोक्ताओं को राहत देती है। भूमिगत बिजली के तार बिछाने से केवल उपभोक्ता ही लाभान्वित नहीं होंगे बल्कि हर राह चलते लोग भी दुर्घटना का शिकार होने से बचेंगे। साथ ही साथ भूमिगत बिजली के तार होने से बिजली के खंभे में लटकते तारों के जंजाल से शॉर्ट सर्किट होने का भी खतरा भी समाप्त हो जाएगा। आए दिन ये बाते सुनने में आती है कि रास्ते में टूटे पड़े बिजली के तार के कारण कभी मवेशी तो कभी व्यक्ति की मौत हो गयी है। इतना ही नहीं थोड़ी सी आॅधी-बारिश में ही विद्युत कनेक्शन काट दिया जाता है। भूमिगत रुप में बिजली के तार बिछाने की योजना से हमे इस समस्या से भी राहत मिलेगी।

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