ईसीएल के नारायणकुड़ी ओसीपी में ब्लास्टिंग से कई घर क्षतिग्रस्त, ओसीपी में भारी तोड़फोड़

रानीगंज :- रानीगंज थाना अंतर्गत ईसीएल के कुनुस्तोरिया क्षेत्र के नारायणकुडी ओसीपी में ब्लास्टिंग के कारण नारायनकुड़ी का माझी पाड़ा इलाका दहल उठा। भयानक विस्फोट के परिणामस्वरूप कई बड़े-बड़े पत्थर उड़कर स्थानीय माझी पाड़ा में आकर गिरे जिसके कारण लगभग आधा दर्जन घर छतिग्रस्त हो गये। इस विस्फोट में एक क्लब भी क्षतिग्रस्त हो गया। इस घटना के तुरंत बाद इलाके के ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। इलाके के बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने ईसीएल के नारायनकुड़ी ओसीपी कार्यालय में तोड़फोड़ की और आसपास खड़े कई वाहनों में भी तोड़फोड़ की। इस घटना के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ईसीएल सुरक्षा और पुलिस प्रशासन का भारी बल मौके पर पहुंचा। लेकिन फिर भी ग्रामीणों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। ग्रामीणों ने ओसीपी परिसर में पहुंचकर तोड़फोड़ शुरू कर दी और मांग की कि अगर आने वाले दिनों में ऐसा कोई विस्फोट हुआ तो वे इस ओसीपी को चलने नहीं देंगे।
वहीं तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए ईसीएल के सभी अधिकारी मौके से चलते बने। पुलिस प्रशासन ग्रामवासियों से बातचीत कर स्थिति को संभाल रहा है। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए ओसीपी में पुलिस बल की तैनाती की गई है। ओसीपी में जाकर देखा गया कि वहां खड़े कई डंपर, स्कॉर्पियो समेत अन्य छोटे-बड़े वाहनों के शीशे टूटे हुए थे।
स्थानीय ग्रामवासी ममता बाउरी ने कहा कि ईसीएल के नारायणकुड़ी ओसीपी में इतना जोरदार विस्फोट हुआ कि वहा से बड़े-बड़े पत्थर उड़कर जाकर उनके घरों पर गिरे। जिसके कारण कई घर क्षतिग्रस्त हो गए। जिस तरह से यह घटना घटी पूरे इलाके में अफरा तफरी मच गई। उन्होंने कहा कि ब्लास्टिंग की वजह से आसपास के कई घरों की दीवारों में भी दरार पड़ गई है। उन्होंने कहा कि ओसीपी में ब्लास्टिंग की वजह से इस पूरे इलाके का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है और हमेशा उन्हें अपनी जान माल की सुरक्षा की चिंता सताती रहती है।
स्थानीय निवासी माया बाउरी और सरस्वती बाउरी ने कहा कि इससे पहले भी नारायणकुड़ी ओसीपी में ब्लास्टिंग की वजह से आसपास के घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। कई बार ब्लास्टिंग का विरोध किया गया है। लेकिन हर बार ईसीएल कार्रवाई का आश्वासन देकर निष्क्रिय रवैया दिखाया। ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह से विस्फोट हुआ है उससे कई लोगों की जान जाने की आशंका है, क्योंकि एक बड़ी चट्टान उनके घरों पर गिरी है, ऐसा किसी भी व्यक्ति के साथ हो सकता था और वे इस भयावह स्थिति को कभी स्वीकार नहीं कर सकते। उन्होंने दावा किया है कि ऐसा न करने का वादा करने पर ही वे कोयला खदान का उत्पादन शुरू होने देंगे या इसी तरह वे यहां कोयला खदान का उत्पादन शुरू नहीं होने देंगे। इस विस्फोट की घटना और पूरी घटना के बारे में ईसीएल के अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते रहे। फिलहाल नारायनकुड़ी ओसीपी में कोयला खनन उत्पादन ठप है।