ईसीएल के बाँसड़ा कोलियरी में उत्पादन बंद कर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

रानीगंज :- ईसीएल के कुनुस्तोरिया क्षेत्र के बाँसड़ा कोलियरी के सी-पीट में ग्रामीणों ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही पीट में ड्यूटी पर जा रहे श्रमिकों को रोकने का प्रयास किया गया और कोयला उत्पादन भी बाधित कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि लगभग 10 से 12 वर्षों तक ईसीएल के बाँसड़ा कोलियरी प्रबंधन ने उनके विशाल क्षेत्र की कृषि योग्य भूमि का उपयोग करके विशाल क्षेत्र को दलदल में बदल दिया और उनकी कृषि योग्य भूमि को अनुपयोगी बना दिया। अभी स्थिति ऐसी हो गई है कि उस भूमि पर खेती करना मुश्किल हो गया है। पूरी भूमि दलदल में तब्दील हो गई है जिसकी वजह से खेती करने वाले ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी ब्रजेश्वर मंडल ने कहा कि कोलियरी का पानी आसपास की लगभग 70 से 80 बीघा भूमि में बहता है और ये भूमि जलमग्न हो गई हैं। कई बार ईसीएल प्रबंधन से शिकायत की गई। लेकिन अब तक आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है। स्थानीय भैरव मंदिर भी जलमग्न हो गया है।
बताया जाता हैं कि शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने बाँसड़ा कोलियरी के सी-पीट में पहुंचकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनके प्रदर्शन की वजह से पीट में कोयला खदान का उत्पादन बंद हो गया। प्रदर्शनकारियों ने मजदूरों को कोयला खदान में जाने से रोका और वे अपनी मांग पर अड़े रहे। उन्होंने काफी देर तक बाँसड़ा कोलियरी के एजेंट को घेरकर विरोध प्रदर्शन किया। जिसके कारण उत्तेजना की स्थिति बन गई। आखिरकार स्थिति को संभालने के लिए पंजाबी मोड़ फाड़ी की पुलिस मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को शांत कराया। पुलिस के आश्वासन के बावजूद ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे। इसके बाद स्थिति जटिल होने पर ईसीएल के कुनुस्तोरिया क्षेत्र के एजीएम अनंत घोष मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और उन्हें बताया कि उन्होंने घटना के बारे में विस्तृत जानकारी जुटा ली है। उन्हें सात दिनों के भीतर समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर 7 दिनों के अंदर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे भविष्य में बड़ा आंदोलन करेंगे।