Follow

Subscribe to notifications

Sponsored

latest posts

Recent Posts

सामाजिक जागरूकता

एग्री ट्रेड लाइसेंस को लेकर रानीगंज बाजार में चलाया गया औचक अभियान

 

रानीगंज :- सोमवार को रानीगंज बाजार में एग्री रेगुलेटरी मार्केटिंग कमेटी के तरफ से औचक अभियान चलाया गया। इस दौरान संबंधित अधिकारियों ने कृषि उत्पाद बेचने वाले व्यवसाययों के प्रतिष्ठानों में जाकर एग्री ट्रेड लाइसेंस की जांच की। इस दौरान अधिकारियों ने पाया कि अधिकांश व्यवसाईयों के पास एग्री ट्रेड लाइसेंस नहीं था। इसे लेकर अधिकारियों ने उन व्यवसाईयों को जागरूक करने का प्रयास किया और उन्हें बताया गया कि कृषि उत्पादन की बिक्री करने के लिए एग्री ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य है। एग्री रेगुलेटरी मार्केटिंग कमेटी के इस औचक अभियान को लेकर रानीगंज बाजार में हड़कंप मच गया।

 

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एग्री रेगुलेटरी मार्केटिंग कमेटी के इंस्पेक्टर बागबुल हुसैन और सब इंस्पेक्टर सौगत राय के नेतृत्व में रानीगंज बाजार में यह अभियान शुरू किया गया ।सबसे पहले वे मारवाड़ी पट्टी इलाके में कृषि उत्पाद बेचने वाले व्यवसाईयों के प्रतिष्ठानों में पहुंचे। जहां उन्होंने एग्री ट्रेड लाइसेंस की जांच की। इस बारे में सब इंस्पेक्टर स्वागत राय ने बताया कि वर्ष 1972 के एक्ट के अनुसार कृषि उत्पाद का व्यवसाय करने के लिए व्यापारियों को एग्री ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य है। एग्री रेगुलेटरी मार्केटिंग कमेटी के तरफ से जब उन प्रतिष्ठानों में जांच की गई तो पता चला कि अधिकांश व्यवसाययों ने एग्री ट्रेड लाइसेंस नहीं लिया है यह व्यवसायी या तो एग्री ट्रेड लाइसेंस को लेकर जागरूक नहीं है या फिर अब तक लाइसेंस लेने का प्रयास ही नहीं किया है। उन्होंने कहा कि रानीगंज चेंबर ऑफ कॉमर्स के साथ मिलकर कई बार एग्री ट्रेड लाइसेंस को लेकर व्यापारियों को जागरुक भी किया जा चुका है। कोई भी व्यापारी अगर चावल, दाल, आटा, गुड़, तेल, मसाला, नमक, चीनी समेत अन्य कृषि उत्पादों का व्यवसाय करता है तो उसके लिए एग्री ट्रेड लाइसेंस लेना होगा।

 

एग्री रेगुलेटरी मार्केटिंग कमेटी के अधिकारियों ने बताया कि रानीगंज में अब तक सिर्फ 60 व्यापारियों ने एग्री ट्रेड लाइसेंस लिया है। जबकि ढाई सौ से ज्यादा होनी चाहिए थी। जिन लोगों ने अब तक लाइसेंस नहीं लिया है उन्हें लाइसेंस लेने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद भी अगर वे लाइसेंस नहीं लेते हैं तो राज्य सरकार के कानून के मुताबिक आगे की कार्रवाई की जाएगी। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ ही उनके कृषि उत्पादन भी जप्त किए जा सकते हैं।

Leave a Response

Advertise with Public Times

X