चित्तरंजन में अवैध निर्माण पर चला रेलवे का बुलडोजर, 57 घर व दुकानों को तोड़ा गया

चितरंजन:- आखिरकार चित्तरंजन में रेलवे प्रशासन ने अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला दिया। सोमवार सुबह रेलवे प्रशासन की ओर से अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई। जहां लगभग 57 अवैध निर्माण को जेसीबी मशीन की सहायता से ध्वस्त कर दिया गया। इस प्रक्रिया में बाधा डालने के आरोप में देबू घोष को आरपीएफ ने हिरासत में ले लिया।
चित्तरंजन रेल प्रशासन की ओर से करीब बीस दिन पहले अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया था। लेकिन रेलवे प्रशासन के इस नोटिस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया, इसलिए सोमवार को रेलवे प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया। फतेहपुर के रोड नंबर 56 और 57 के किनारे लंबे समय से बने मकानों को तोड़ने के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा अभियान शुरू किया गया। लेकिन अतिक्रमण हटाने के अभियान को रोकने के लिए स्थानीय लोग विरोध पर उतर आए। विरोध कर रहे लोगों के पास तृणमूल कांग्रेस के झंडे थे। लेकिन रेलवे प्रशासन ने उनकी कोई परवाह नहीं की और भारी संख्या में आरपीएफ बल को उतारकर अतिक्रमण हटाओ अभियान को अंजाम दिया।
वहीं दूसरी तरफ रेल प्रशासन की कार्यवाई से कई लोग बेघर हो गए हैं। उन परिवारों के सामने इस बात की चिंता है कि कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे कैसे गुजर बसर होगा।
रेल प्रशासन सूत्रों के मुताबिक रेलवे की जमीन पर विभिन्न बाजारों के सब्जी विक्रेताओं और घरों में काम करने वाले लोगों का कब्जा था। चित्तरंजन में कोई भी अवैध रूप से नहीं रह सकता क्योंकि इस संरक्षित क्षेत्र में अवैध निर्माण नहीं किया जा सकता है। आरपीएफ के अधिकारी ने बताया कि रेलवे के कार्य में बड़ा देने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।