
पश्चिम बंगाल में 3 महीने में 8 तृणमूल नेता एवं कर्मी की हत्या !
रानीगंज : पश्चिम बंगाल की सत्ता में तीसरी बार सरकार चला रही अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की एक के बाद एक हत्या कर दी जा रही है। इस बात से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस सुप्रिमो ममता बनर्जी भी मंथन में है। आखिर एक के बाद एक तृणमूल नेता, कर्मी क्यो निशाने पर आ रहे है ? इस बात से न केवल तृणमूल कांग्रेस का राज्य नेतृत्व बल्कि जिला नेतृत्व भी चिंतित है। एक आंकड़े के अनुसार राज्य की सत्तारुढ़ राजनीतिक, गैर राजनीतिक एवं गुटीय राजनीति के कारण हत्या हो चुकी है। वो भी महज 3 महीने के अंतराल में। वर्ष 2023 की पहली घटना 4 जनवरी को मालदाह जिले के माथाबाड़ी की है। जहां एक तृणमूल कांग्रेस नेता की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गयी क्योंकि उसने डीजे बजाने का विरोध किया था और उसे पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया। दूसरी घटना मुर्शिदाबाद जिले के रानीनगर इलाके की है। गत 24 जनवरी को तृणमूल कांग्रेस के पूर्व पंचायत प्रधान को मौत की नींद सूला दिया गया। तीसरी घटना 19 फरवरी, दक्षिण 24 परगना जिले के विष्णुपुर में घटी। जहां बदमाशो ने तृणमूल के बूथ अध्यक्ष की जान ले ली। वहीं फिर 29 मार्च को उत्तर 24 परगना के आमडांगा में भी एक तृणमूल कांग्रेस कर्मी की हत्या कर दी गयी। यह सिलसिला यहीं नहीं थमा, इसके ठीक एक बाद ही यानी 30 मार्च को नदिया के चोपड़ा में तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय से बैठक के बाद बाहर निकल रहे तृणमूल नेताओं पर अंधाधुंध गोलियां बरसायी गयी। जिसमें एक तृणमूल नेता की मौके पर ही मौत हो गयी। जबकि दूसरे तृणमूल नेता की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हुयी। 7 अप्रैल शुक्रवार को कुचबिहार जिले के शीतलकुची में घटी। जहां बड़ी ही बेरहमी से तृणमूल कांग्रेस के पंचायत सदस्य समेत परिवार के 3 सदस्यों की धारदार हथियार से हमला कर मार डाला। जिसमें एक बच्ची भी शामिल है। इसी दिन दूसरी घटना नदिया के हासखाली की है। जहां फिर एक तृणमूल कांग्रेस नेता की गोली मारकर हत्या कर दी। पिछले 3 महीनो में एक के बाद एक 8 तृणमूल कांग्रेस के नेता एवं कर्मी की हत्या की घटना से राज्य भर के तृणमूल कांग्रेस के आम कर्मी से लेकर उच्च नेतृत्व के समझ अनसुलझी समस्या बनकर सामने आ खड़ी हुयी है। हालांकि सभी हत्या के अलग-अलग कारण सामने आए है। परन्तु हत्या तो राज्य की सत्तारुढ़ दल तृणमूल कांग्रेस कर्मी एवं नेताओं की हुयी है ? इन हत्याकाण्डो में पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया है और कुछ अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।