पुलकार और स्कूल बसो की अधिकतम स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घण्टा और 40 सीटो से अधिक बच्चो को उठाने पर पाबंदी के लिए राज्य सरकार ने जारी किया दिशा-निर्देश
आसनसोल: आसनसोल-दुर्गापुर शिल्पांचल समेत समुचे राज्य में कहीं न कहीं हर रोज स्कूल बस एवं पुलकार दुर्घटना का शिकार हो रही है। पुलकार एवं स्कूल बस चालको की लापरवाही को ही दुर्घटना के लिए जिम्मेदारी ठहरायी जा रही है। पुलकार एवं स्कूल बस की बढ़ती दुर्घटना से राज्य सरकार का परिवहन विभाग बेहद चिंतित है। यह केवल अभिभावको के लिए चिंता का विषय नहीं है बल्कि इसके लिए राज्य सरकार भी गंभीरतापूर्वक देख रही है। मामला अगर बच्चो के सुरक्षित रुप में स्कूल जाने और आने का हो तो इसमें जरा सी भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। पश्चिम बंगाल सरकार के परिवहन विभाग ने इस विषय को लेकर एक दिशा-निर्देश जारी किया है। इसके तहत स्कूल बसो और पुलकार की न केवल स्पीड लिमिट की जाएगी बल्कि क्षमता से अधिक बच्चो को उठाने पर भी पाबंदी लगायी जाएगी। इन दोनो विषयो को लेकर राज्य परिवहन विभाग सख्ती से पेश आएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव डाॅ.सौमित्र मोहन ने स्कूल बस और पुलकारो के लिए एडवाइजरी जारी की है। साथ ही साथ यह दिशा निर्देश दिया है कि स्कूल बस और पुलकार की अधिकतम स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घण्टे होगी और क्षमता से अधिक बच्चो को बस और पुलकार में उठाना नहीं चलेगा। इस विषय को लेकर परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने सभी विभागीय अधिकारियों को लेकर बैठक की है। उनका कहना है कि हजारो की संख्या में विद्यार्थी पुलकार एवं स्कूल बस से स्कूल जाते है। उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह दिशा-निर्देश जारी किया गया है। सिर्फ स्पीड लिमिट और क्षमता से अधिक बच्चो को पुलकार में और स्कूल बस में चढ़ाना ही इस दिशा-निर्देश में शामिल नहीं है बल्कि पुलकार के पास सीएफ, परमिट भी वैध होनी चाहिए। साथ ही साथ पुलकार में क्षमता से अधिक सीटे बढ़ाना भी नहीं चलेगा। अधिकतम सीटे 40 तक होनी चाहिए। परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश में प्रत्येक पुलकार में पैनिक बटन, ट्रैकिंग डिवाइस और फस्टटेड बाॅक्स होना अनिवार्य है। इतना ही नहीं सुरक्षा के दृष्टिकोण से जिस स्कूल बस या पुलकार में बच्चे आते और जाते है, उसकी पूरी जानकारी अभिभावक और स्कूल के प्रिंसिनल के साथ साझा करने की भी बात भी दिशा-निर्देशा में कही गयी है।