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पूर्व मेयर ने किया रानीगंज के ऐतिहासिक नारायनकुड़ी का दौरा, लगाया सरकारी उपेक्षा का आरोप

रानीगंज (राम बाबू यादव) :- पूर्व मेयर और भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने बुधवार को रानीगंज के नारायणकुड़ी के मथुराचंडी पीठस्थान का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने हेरिटेज घोषित किए गए मथुराचंडी पीठस्थान की मौजूदा स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने स्थानीय ग्रामवासियों के साथ बातचीत कर इस ऐतिहासिक धरोहर के रखरखाव के बारे में जानकारी प्राप्त की। यहां स्थापित की गई प्रिंस द्वारकानाथ ठाकुर की मूर्ति समेत पूरे परिसर का मुआयना किया। इस दौरान अभय उपाध्याय व संजय यादव समेत अन्य कई लोग उपस्थित थे।

पूर्व मेयर जितेंद्र तिवारी ने सरकारी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि नारायण कुड़ी के मथुराचंडी पीठ स्थान को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाना चाहिए था। लेकिन यहां आकर उन्हें काफी हैरानी हुई। इस ऐतिहासिक स्थल को सिर्फ हेरिटेज घोषित कर देना पर्याप्त नहीं है बल्कि यहां पर्यटन की काफी संभावनाएं हैं और इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि जब वे आसनसोल नगर निगम के मेयर थे तब तत्कालीन पर्यटन मंत्री गौतम देव को पत्र लिखकर इस ऐतिहासिक धरोहर को हेरिटेज घोषित करने की मांग की थी। उन्होंने यहां आकर महसूस किया कि उनके मेयर रहते नारायणपुरी के मथुराचंडी पीठ स्थान में जो कार्य किए गए थे। 6 साल बाद यहां और कोई कार्य नहीं हुआ है। इस ऐतिहासिक धरोहर की रखरखाव भी सही ढंग से नहीं की जा रही है। पूर्व में जितेंद्र तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार से उनकी मांग है कि जल्द से जल्द इस ऐतिहासिक धरोहर को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाए और इसके लिए सभी जरूरी आधारभूत ढांचा तैयार करने की जरूरत है।

गौरतलब है कि मथुराचंडी पीठस्थान के साथ कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर के दादा प्रिंस द्वारकानाथ ठाकुर की यादें जुड़ी हुई हैं। उन्होंने ही यहां देश में सर्वप्रथम वर्ष 1831 में कार टैगोर कंपनी की स्थापना की थी और इस कंपनी के जरिए कोयला खनन और नदी मार्ग से कोयला परिवहन किया जाता था। मथुराचंडी प्रिंस द्वारका नाथ ठाकुर का कार्यस्थल था और उन्होंने अपना काफी लंबा वक्त यहां बिताया था।

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