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मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने किया रानीगंज पुस्तक मेला का उद्घाटन 

रानीगंज :- गुरुवार से रानीगंज शहर के राजबाड़ी मैदान में आयोजित रानीगंज पुस्तक मेला- 2024 का शुभारंभ हुआ। सर्वप्रथम तारबंग्ला से पदयात्रा निकाली गई। जिसमें काफी संख्या में स्कूली बच्चों के साथ आम लोग भी शामिल हुए। यह पदयात्रा एनएसबी रोड होते हुए राजबाड़ी मैदान पहुंची। पदयात्रा के जरिए आम लोगों से पुस्तकें खरीदने और पुस्तकें पढ़ने की अपील की गई। वहीं मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे राज्य के ग्रन्थागार विभाग के मंत्री सिद्धीकुल्ला चौधरी ने द्वीप प्रज्वलित कर पुस्तक मेला का विधिवत उद्घाटन किया। इस मौके पर आसनसोल नगर निगम के मेयर विधान उपाध्याय, डिप्टी मेयर वसीमुल हक, रानीगंज विधानसभा क्षेत्र के विधायक व एडीडीए के चेयरमैन तापस बनर्जी, नगर निगम के चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, पश्चिम बर्दवान जिले के डीएम एस पन्नाबलम व आसनसोल रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी सोमात्मा नंद जी महाराज समेत अन्य कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे। पुस्तक मेले में 89 स्टॉल लगाए गए हैं और मेला 10 जनवरी तक चलेगा।

 

ग्रन्थागार मंत्री सिद्धीकुल्ला चौधरी ने जोर देखकर कहा कि मोबाइल और इंटरनेट के इस दौर में भी पुस्तकों की प्रासंगिकता बनी हुई है। पिछले वर्ष राज्य के विभिन्न जिलों में आयोजित हुई पुस्तक मेलों में लगभग 9 करोड़ 12 लाख रुपए की पुस्तकों की बिक्री हुई थी। इन पुस्तक मेलों में लगभग 70 लाख से ज्यादा लोग आए थे। राज्य के 23 जिलों में पुस्तक मेले आयोजित हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त और 7 जगह पर पुस्तक मेला का आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दूसरे विभागों के साथ-साथ ग्रन्थागार विभाग पर भी काफी ध्यान दिया है और ग्रंथागार विभाग के वार्षिक बजट में लगभग 7 से 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। प्रत्येक पुस्तक मेला के लिए राशि आवंटित की जा रही है। राज्य में लगभग 45 मॉडल लाइब्रेरी का निर्माण किया गया है। जहां शौचालय, पेयजल और बैठने की पर्याप्त जगह के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध है। ग्रन्थागार विभाग पुस्तकालयों के आधुनिकीकरण पर जोर दे रहा है। मंत्री सिद्धिकुल्ला चौधरी ने कहा कि 9 वीं से लेकर 12 वीं तक के विद्यार्थियों को जरूरत पड़ने पर सजेशन बुक समेत तमाम पुस्तकें पढ़ने के लिए दी जाएगी। इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा।

 

पुस्तक मेले में हिंदी पुस्तकों के स्टॉल जरूर होने चाहिए – मंत्री

 

पुस्तक मेले में हिंदी पुस्तकों के स्टॉल के सवाल पर मंत्री सिद्धिकुल्ला चौधरी ने पत्रकारों से कहा कि पुस्तक मेले में 100 स्टॉल है तो इनमें से 10 स्टॉल हिंदी, उर्दू, नेपाली और आदिवासी सबका रहेगा। आप मेला कमेटी से बात करिए हिंदी पुस्तकों के स्टाल भी मेले में जरूर होने चाहिए। मेले में हिंदी पुस्तकों के दो स्टॉल लगा दीजिए। इस दौरान मंत्री के साथ विधायक तापस बनर्जी ने भी कहा कि हम हिंदी और उर्दू की पुस्तकों के लिए 2 स्टॉल देने के लिए तैयार है। इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा।

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