रानीगंज के आनंदलोक अस्पताल के ब्लड बैंक में प्लाज्मा मशीन का उद्घाटन

रानीगंज :- रानीगंज के आनंदलोक अस्पताल के ब्लड बैंक में प्लाज्मा मशीन लगाई गई है। रविवार को आनंदलोक के संस्थापक देव कुमार सराफ और आनंदलोक के ट्रस्टी बोर्ड के सदस्य व उधोगपति बीडी अग्रवाल ने संयुक्त रूप से ब्लड बैंक में प्लाज्मा मशीन का उद्घाटन किया। प्लाज्मा मशीन का पूरा खर्च उद्योगपति बीडी अग्रवाल ने वहन किया है। इस मौके पर आसनसोल नगर निगम के 2 नम्बर बोरों के चेयरमैन मुज्जमिल हुसैन शहजादा भी उपस्थित थे।
आनंदलोक के संस्थापक देव कुमार सराफ ने कहा कि आनंदलोक अस्पताल कम खर्च पर मरीज को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। लगभग 3 महीने पहले आनंदलोक अस्पताल में ब्लड बैंक चालू किया गया था। मौजूदा समय में इस ब्लड बैंक से हर रोज औसतन 25 से 30 बोतल रक्त मरीज को प्रदान किया जाता है। हालांकि अभी तक केवल चयनित रक्त समूह के मरीजों को ही लाभ मिला है। ब्लड बैंक में प्लाज्मा मशीन की जरूरत काफी समय से महसूस की जा रही थी। आखिरकार आनंदलोक के ट्रस्टी बोर्ड के सदस्य बीडी अग्रवाल के सौजन्य से प्लाज्मा मशीन लगाई गई है। उन्होंने कहा कि हमें सभी रक्त समूहों के मरीजों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्लाज्मा मशीन की आवश्यकता थी। आखिरकार वह आवश्यकता पूरी हुई है।
ब्लड बैंक के टेक्नीशियन ने बताया कि अस्पताल में ब्लड बैंक होने के बावजूद बड़े शहरों की तरह सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी। लेकिन अब अस्पताल में प्लाजा मशीन लगने से ब्लड से प्लाज्मा और प्लेट्सलेट निकालने में सुविधा होगी। ब्लड बैंक के लैब टेक्निशियन की मानें तो मशीन लगने से डोनर के ड्रिप लगाने के बाद ब्लड निकलकर मशीन के अंदर जाएगा। मशीन के जरिये खून से प्लेट्लेटस और प्लाज्मा अलग-अलग हो जाएगा। इससे समय की काफी ज्यादा बचत होगी।
मशीन ब्लड से रेड ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स को एक साथ अलग कर देती है और ब्लड के लिक्विड पार्ट अर्थात प्लाज्मा को अलग कर देती है। अलग हुए प्लाज्मा को डॉक्टर इकट्ठा कर लेते हैं, जबकि दूसरी ओर इकट्ठा हुए रेड ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स को सलाइन के जरिए शरीर में वापस ट्रांसफर कर दिया जाता है। इस पूरे प्रोसेस में सामान्य ब्लड डोनेशन की तुलना में थोड़ा ज्यादा वक्त लगता है। प्लाज्मा निकलने के 24 घंटे के अंदर उसे सुरक्षित करना होता है।