रानीगंज के बल्लभपुर पेपर मिल को चालू करने की मांग पर आंदोलन में भाजपा और माकपा ने मिलाया हाथ !

भाजपा विधायक अग्निमित्रा पाल और माकपा नेता हेमंत प्रभाकर एक साथ बैठे धरने पर
पेपर मिल में जारी की गई है सस्पेंशन आफ वर्क की नोटिस
रानीगंज :- भाजपा और माकपा भले ही वैचारिक और राजनीतिक रूप से एक दूसरे की धूर विरोधी है। लेकिन रानीगंज के बंद पड़े बल्लभपुर पेपर मिल को फिर से चालू करने की मांग पर चल रहे आंदोलन में भाजपा और माकपा साथ-साथ आ गई है। भाजपा और माकपा ने मिलकर श्रमिकों के आंदोलन का समर्थन किया है और पेपर मिल को फिर से चालू किए जाने की मांग की है। पेपर मिल को चालू करने की मांग पर श्रमिक पिछले कई दिनों से पेपर मिल के गेट के पास धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं। इस आंदोलन को माकपा के श्रमिक संगठन सीटू अनुमोदित बल्लभपुर पेपर मिल मजदूर यूनियन द्वारा समर्थन दिया गया है।
इस बीच रविवार को देखा गया कि इस धरना प्रदर्शन में आसनसोल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र की भाजपा विधायक अग्निमित्रा पाल भी भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ शामिल हुई। विधायक अग्निमित्रा पाल और माकपा नेता हेमंत प्रभाकर एक साथ श्रमिकों के धरने में शामिल हुए। जिस तरह से पेपर मिल को चालू करने की मांग पर भाजपा और माकपा एक साथ आंदोलन कर रही है वह राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। साथ ही इसके राजनीतिक मायने भी निकल जा रहे हैं।
यहां बता देना जरूरी है कि गत 8 जनवरी से रानीगंज के बल्लभपुर पेपर मिल का उत्पादन बंद है। जबकि 31 जनवरी को प्रबंधन द्वारा पेपर मिल में सस्पेंशन आफ वर्क अर्थात कार्य स्थगन की नोटिस जारी कर दी गई थी। इस मुद्दे पर पूर्व माकपा सांसद व सीटू के जिला महासचिव वंशगोपाल चौधरी भी मुखर हुए हैं और उन्होंने डिप्टी लेबर कमिश्नर को पत्र लिखा है। विधायक अग्निमित्रा पाल ने माकपा के साथ आंदोलन के सवाल पर कहा कि मैं सब की विधायक हूं और यह राजनीति का विषय नहीं है। चाहे भाजपा हो या माकपा, तृणमूल कांग्रेस हो अथवा कांग्रेस, मैं सभी की विधायक हूँ। वे यहां कोई राजनीतिक रंग देखकर नहीं आई है। बंद पड़े पेपर मिल को अभिलंब चालू करना होगा। पेपर मिल के श्रमिकों को 2 महीने से वेतन नहीं मिला है और उनका जीएफ भी जमा नहीं हो रहा है विधायक ने चेतावनी दी कि अगर पेपर मिल को जल्द चालू करने की व्यवस्था नहीं की गई तो जबरदस्त आंदोलन किया जाएगा तथा पूरे आसनसोल को अचल कर दिया जाएगा। विधायक ने तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आखिर क्यों तृणमूल कांग्रेस के नेता पेपर मिल के श्रमिकों के साथ आकर खड़े नहीं हो रहे हैं। उन्होंने आशंका जताई कि कहीं पेपर मिल प्रबंधन के साथ तृणमूल कांग्रेस नेताओं की मिली भगत तो नहीं है।
वहीं दूसरी तरफ सीटू नेता हेमंत प्रभाकर ने कहा कि हमलोग चाहते हैं कि पेपर मिल अविलंब चालू हो। विधायक इस आंदोलन में शामिल हुई है इसके लिए वह उन्हें धन्यवाद देना चाहते हैं। पूर्व सांसद वंश गोपाल चौधरी ने भी पेपर मिल को जल्द चालू किए जाने के मुद्दे पर लेबर कमिश्नर को पत्र लिखा है। श्रमिकों की आंदोलन में जो लोग भी साथ आएंगे उन सभी का स्वागत है। उन्होंने कहा कि गलत 8 जनवरी को बिना नोटिस दिए ही प्रबंधन ने पेपर मिल का उत्पादन बंद कर दिया इसके बाद 30 जनवरी को सस्पेंशन आफ वर्क की नोटिस जारी की गई श्रमिकों को 2 महीने से वेतन भी नहीं मिला है ऐसी स्थिति में श्रमिकों के लिए गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है और उन्हें रोजी-रोटी की चिंता सता रही है।