रानीगंज में व्यवसायी से 2 लाख रुपए की बैंकिंग धोखाधड़ी का अनोखा मामला सामने आया
रानीगंज :- रानीगंज में बैंकिंग धोखाधड़ी का एक अनोखा मामला प्रकाश में आया है। दरअसल एक व्यवसायी द्वारा बैंक में जमा किए गए 2 लाख रुपए के चेक को उसी बैंक की दूसरी शाखा में आरटीजीएस के जरिए किसी दूसरे के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया। व्यवसायी को जब इसके बारे में पता चला तो उनके होश उड़ गए। पीड़ित व्यवसायी ने इस घटना को लेकर रानीगंज थाना में मामला दर्ज करवाया है। साथ ही बैंक प्रबंधन के पास भी शिकायत की है। पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही हैं।
इस घटना के बारे में व्यवसायी विमल बाजोरिया ने बताया कि उन्होंने गत 28 अगस्त को अपनी पत्नी सीमा देवी बाजोरिया के नाम से जारी किए गए 2 लाख रुपए का चेक इंडियन बैंक की शिशुबागान शाखा में जमा किया था। लेकिन आश्चर्यजनक तरीके से बैंक में जमा किया गया उनका चेक किसी दूसरे शख्स के हाथ लग गया और उसने उस चेक को ले जाकर इंडियन बैंक की ही एनएसबी रोड शाखा में आरटीजीएस के जरिए दूसरे बैंक अकाउंट में 2 लाख ट्रांसफर कर लिए। उन्होंने इस बात को लेकर हैरानी जताई कि आखिर जब उन्होंने अपना चेक बैंक के काउंटर में जमा किया था तो फिर चेक किसी दूसरे के हाथ में कैसे लग गया ? यह बैंक की घोर लापरवाही का मामला है।
विमल बाजोरिया ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि ऐसे में ग्राहक किस भरोसे के साथ बैंक में चेक जमा करेंगे और बैंक के पास उनके चेक की सुरक्षा की क्या गारंटी है। वे रानीगंज चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के भी सदस्य हैं। इस नाते उन्होंने चेंबर के पदाधिकारियों को इसकी जानकारी दी और बैंक में जाकर इसकी शिकायत की गई। बैंक मैनेजर के सामने बैंकिंग धोखाधड़ी के इस मामले को लेकर कड़ी आपत्ति जताई गई। आखिरकार बैंक प्रबंधन ने उन्हें आश्वासन किया कि 15 दिनों के भीतर उनकी 2 लाख रुपए की राशि वापस लौटा दी जाएगी। बैंक के अधिकारियों ने उन्हें जानकारी दी कि इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
रानीगंज चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष अरुण भारतीया, सचिव मनोज केसरी और कार्यकारी अध्यक्ष रोहित खेतान ने भी बैंक की दोनों शाखों के मैनेजर से मुलाकात की और इस घटना को लेकर अपना कड़ा विरोध जताया। कार्यकारी अध्यक्ष रोहित खेतान ने कहा कि निश्चित तौर पर यह बैंकिंग धोखाधड़ी का गंभीर मामला है। अगर एक जगह चेक डिपाजिट किया जाता है और इस चेक को दूसरी जगह ले जाकर आरटीजीएस के जरिए दूसरे बैंक अकाउंट में राशि ट्रांसफर कर ली जाती है तो यह सरासर गलत है। बैंक प्रबंधन ने 15 दिनों में राशि लौटाने का आश्वासन देते हुए कहा कि बैंक आंतरिक जांच शुरू की है और इस मामले में अगर किसी की लापरवाही पाई जाती है तो आवश्यक कार्रवाई का भी भरोसा दिलाया है।