रानीगंज हाई स्कूल में प्रधान शिक्षक और सह शिक्षक के बीच मारपीट का मामला पहुंचा कलकत्ता हाईकोर्ट
न्यायधीश अमृता सिन्हा ने पुलिस कमिश्नरेट को दिए निष्पक्ष जांच के आदेश
रानीगंज: यह बात सोलह आना सत्य है कि रानीगंज ब्यायज हाई स्कूल की पढ़ाई-लिखाई अच्छी है और माध्यमिक और उच्च माध्यमिक की परिणाम भी इस स्कूल के बेहतर होते है। स्कूल के शिक्षको के बीच विषय को लेकर मतभेद जरुर होता था परन्तु मारपीट की घटना कभी सामने नहीं आयी। सह शिक्षक और प्रधान शिक्षक के बीच मारपीट की यह घटना स्कूल की शिक्षा व्यवस्था को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। अब तो शिक्षक और प्रधान शिक्षक के बीच मारपीट का मामला कलकत्ता हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने गत 22 जुन को स्कूल के प्रधान शिक्षक प्रतीम चटर्जी और सह शिक्षक बिजय दास के बीच मारपीट के मामले को लेकर रानीगंज थाने में दर्ज हुयी एफआईआर संख्या 205 और 206 की निष्पक्ष जांच कराने के आदेश आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट को दिए है। स्कूल के प्रधान शिक्षक प्रतीम चटर्जी के साथ मारपीट करने और हाथ की अंगुलिया तोड़ देने के मामले में स्कूल के सह शिक्षक बिजय दास को गिरफ्तार कर 5 दिनो के लिए जेल भेज दिया था। बिजय दास की पत्नी और इसी स्कूल की शिक्षिका पापिया मंडल ने भी स्कूल के प्रधान शिक्षक समेत अन्य 4 शिक्षको के विरुद्ध मारपीट करने और उनके साथ अश्लील व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया। फिलहाल बिजय दास को जमानत मिल गयी। शिक्षक बिजय दास की पत्नी पापिया मंडल ने कलकत्ता हाईकोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है। इस हलफनामे में रानीगंज पुलिस पर पक्षपात तरीके से मामले की जांच करने का आरोप लगाया है। साथ ही साथ अपने पति एवं स्कूल के बंगला विषय के शिक्षक बिजय दास के विरुद्ध पक्षपातपूर्ण रवैए एवं स्कूल के प्रधान शिक्षक प्रतीम दास के समर्थन में रिपोर्ट तैयार करने का आरोप लगाया है। कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायधीश अमृता सिन्हा ने मामले की सुनवाई करते हुए आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट को निष्पक्ष जांच कर जल्द से जल्द रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। न्यायधीश अमृता सिन्हा ने आदेश में कहा है कि रानीगंज थाने में दर्ज इसी मामले में एफआईआर संख्या 205 और 206 की जांच आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस पुलिस कमिश्नरेट के डीसीपी पद के पुलिस अधिकारी से कराए जाए। न्यायधीश अमृता सिन्हा भी प्रधान शिक्षक प्रतीम चटर्जी के दाहिने हाथी की तीन अंगुलियां टूटने की घटना पर दिए गए रिपोर्ट पर नाराजगी जतायी। कहा यह रिपोर्ट पैसे के बल पर तैयार की गयी है। जबकि प्रधान शिक्षक स्वंय कह रहे है कि उनकी दाहिने हाथ की अंगुलियां टूटी है, दाहिने हाथ में ही दर्द हो रहा है तो फिर कैसे बाएं हाथ का एक्स-रे हुआ और आसनसोल जिला अस्पताल के डाॅक्टर ने भी बाएं हाथ की अंगुली टूटने की एक्स-रे रिपोर्ट भी बना दी। इतना ही नहीं अगर प्रधान शिक्षक की हाथिने हाथ की अंगुलियां टूटी है तो फिर प्रधान शिक्षक ने हस्ताक्षर कैसे किए, यह मामला भी कोर्ट के सामने लाया गया। सबसे बड़ी बात यह है कि स्वंय न्यायधीश अमृता सिन्हा ने कहा कि अंगुली टूटने के बाद अस्पताल में इलाजरत रहने पर भी अपनी असहमती जतायी। सूत्रों का कहना है कि कलकत्ता हाईकोर्ट को ऐसा प्रतीत हो रहा है कि रानीगंज पुलिस इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं कर रहे है। इसीलिए जांच का जिम्मा आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के डीसीपी रैंक के अधिकारी से कराने का आदेश दिया। साथ ही साथ रानीगंज हाई स्कूल की शिक्षा व्यवस्था इस तरह की घटना से प्रभावित न हो, इस पर भी ध्यान रखने के आदेश पुलिस को दिए। उल्लेख है कि 22 जुन को रानीगंज हाई स्कूल के प्रधान शिक्षक प्रतीम चटर्जी, बंगला विषय के शिक्षक बिजय दास के साथ मारपीट की घटी। प्रतीम चटर्जी और इसी स्कूल की शिक्षिक और बिजय दास की पत्नी पापिया मंडल एक-दूसरे पर एफआईआर दर्ज किया।