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सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी की गिरफ्तारी पर लगाई रोक ! जमानत पर हो सकते हैं रिहा 

आसनसोल (राम बाबू यादव) :- सुप्रीम कोर्ट ने कंबल कांड में बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इस घटना में अग्रिम जमानत के लिए जितेंद्र तिवारी ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन मामले की सुनवाई से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट से जितेंद्र तिवारी को बड़ी राहत मिली है और सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। यानी अब पुलिस उन्हें हिरासत में नहीं रख सकती है। शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद जितेंद्र जमानत पर रिहा हो सकते हैं।

 

जानकारी के अनुसार, जितेंद्र तिवारी के मामले की सुनवाई सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने की। कोर्ट ने आदेश दिया कि जीतेंद्र तिवारी की गिरफ्तारी पर अगले 2 हफ्ते तक अंतरिम रोक रहेगी। इस मामले की अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी। उस दिन खंडपीठ ने मामले के सभी पक्षों को अपना हलफनामा जमा करने को कहा हैं।

 

कंबल कांड में पुलिस ने शनिवार को जितेंद्र तिवारी को नोएडा से गिरफ्तार किया था। आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के खुफिया विभाग और आसनसोल नॉर्थ थाना पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर उन्हें नोएडा के यमुना एक्सप्रेस वे से गिरफ्तार कर लिया था। उसी रात जितेंद्र तिवारी को आसनसोल ले जाया गया। आसनसोल कोर्ट ने उन्हें 8 दिन की पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया था।

 

 

14 दिसंबर को आसनसोल में कंबल बांटने के दौरान 3 लोगों की भगदड़ में कुचलकर मौत हो गई थी। उस घटना में जितेंद्र तिवारी की पत्नी चैताली तिवारी और कुल 3 पार्षदों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। वे कार्यक्रम के आयोजक थे। सोमवार को कोर्ट ने इस मामले में आरोपी एक अन्य पार्षद गौरव गुप्ता की गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी।

 

बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी की वकील हर्षिका वर्मा ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने राज्य को मुख्य मामले में नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। पहले अभियोजक जितेंद्र तिवारी और दूसरे अभियोजक गौरव गुप्ता को जमानत मिल गई है। 2 हफ्ते बाद मामले की दोबारा सुनवाई होगी।

 

कंबल मामले में जितेंद्र तिवारी और चैताली से पूछताछ के लिए दुर्गापुर-आसनसोल पुलिस कई बार उनके फ्लैट पर गए। लेकिन फ्लैट पर ताला देखकर उन्हें बार-बार लौटना पड़ा। पुलिस तिवारी दंपती तक नहीं पहुंच सकी। इसी संदर्भ में उच्च न्यायालय ने 22 दिसंबर को चैताली की अर्जी स्वीकार करते हुए उन्हें अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था। साथ ही उन्हें जांच में सहयोग करने का भी आदेश दिया।

 

लेकिन बाद में जितेंद्र तिवारी और चैताली ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी। लेकिन न्यायमूर्ति देवांशु बसाक की खंडपीठ ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। जितेंद्र तिवारी ने इसी दलील के साथ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुनवाई से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है।

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