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सुनसान जगह पर एक ही परिसर में 10 कंपनियों के कार्यालय में पड़ी IT की रेड

रानीगंज :- बुधवार सुबह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम ने एक साथ 35 जगह पर रेड की। सेंट्रल फोर्स के जवानों के साथ पहुंचे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने आसनसोल के बर्नपुर के रमहतनगर स्थित पूर्व तृणमूल कांग्रेस विधायक सोहराब अली, धर्मपुर स्थित चर्चित व्यवसाय सैयद इम्तियाज अहमद के घर एवं कार्यालय समेत अन्य कई लोगों के ठिकानों पर एक साथ दबिश दी। सूत्रों ने बताया कि यह छापेमारी मुख्य रूप से लोहा, स्क्रैप व बालू व्यवसायियों और बिल्डरों के ठिकानों पर की गई है। ऐसी चर्चा है कि आय से अधिक संपत्ति और टैक्स चोरी की शिकायत के आधार पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक साथ इतनी बड़ी रेड की है।

 

इस बीच, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम रानीगंज व जामुड़िया से सटे कुनुस्तोतोड़िया व आमरासोता के निकट जंगलनुमा जगह पर स्थित पायल डेवकोन प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय में दबिश दी। सबसे पहले सेंट्रल फोर्स के जवानों ने कार्यालय की घेराबंदी कर दी इसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी कार्यालय के भीतर गए और तलाशी अभियान शुरू किया। बताया जा रहा है की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने कार्यालय में रखे विभिन्न कंपनियों से जुड़े कागजातों की गहन जांच पड़ताल की। इस दौरान ना तो किसी को कार्यालय के भीतर प्रवेश करने की अनुमति थी और ना ही किसी को बाहर निकलने दिया जा रहा था। इस छापेमारी के बारे में इनकम टैक्स के अधिकारियों ने कोई भी टिप्पणी करने से साफ तौर पर इंकार कर दिया।

 

इस दौरान देखा गया कि जहां पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की छापेमारी चल रही थी वहां ऑफिस की दीवार पर सिलसिलेवार ढंग से 10 कंपनियों के नाम लिखे हुए थे। इनमें पायल इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, पायल टाउनशिपस प्राइवेट लिमिटेड, ग्लोरियस डेवकोन प्राइवेट लिमिटेड, सहर्ष फिसकल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, पायल रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, पायल प्रोदेव प्राइवेट लिमिटेड, सिम डेवकोन प्राइवेट लिमिटेड, अदब डेवकोन प्राइवेट लिमिटेड, अदब इंफ्राकोंन प्राइवेट लिमिटेड और सिम ट्रांसपोर्ट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि एक साथ इतनी कंपनियों के नाम देखकर थोड़ी देर के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी भी हैरान रह गए और उन्होंने इन कंपनियों से जुड़े कागजातों को खंगालना शुरू किया। उन्होंने इन सभी कंपनियों के प्रोपराइटर के बारे में जानकारी इकट्ठा की तथा आयकर से जुड़े तथ्य जुटाए।

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