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पश्चिम बंगाल

Raniganj को Sub-Division बनाने की मांग पर सिटिजंस फोरम 28 दिसंबर को देगा धरना 

नगर निगम के 2 नंबर बोरो ऑफिस के समक्ष होगा शांतिपूर्ण धरना

 

रानीगंज :- रानीगंज को महकमा का दर्जा दिए जाने की मांग पर रानीगंज सिटिजंस फोरम ने आंदोलन की घोषणा कर दी है रविवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान फोरम के पदाधिकारियों ने आगामी 28 दिसंबर को आसनसोल नगर निगम के रानीगंज 2 नंबर बोरो ऑफिस के पास शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किए जाने की घोषणा की। उन्होंने दावा किया कि इस धरना प्रदर्शन में सिर्फ सिटीजंस फोरम ही नहीं बल्कि दर्जनों संगठन, एनजीओ एवं क्लबों के सदस्य शामिल होंगे। जबकि जनवरी के दूसरे सप्ताह में आसनसोल में डीएम कार्यालय के पास धरना देने का कार्यक्रम हैं। इस अवसर पर सिटिजंस फोरम के सचिव प्रदीप नंदी, दिनेश चंद्र गुप्ता, अरविंद सिंघानिया व मलय राय समेत अन्य सदस्य उपस्थित थे।

 

सिटिजंस फोरम के कार्यकारी अध्यक्ष गौतम घटक का कहना है कि रानीगंज की गिनती पश्चिम बंगाल के अत्यंत प्राचीन म्यूनिसिपल टाउन में होती है। वर्ष 1846-47 से लेकर 1906 तक रानीगंज को महकमा का दर्जा प्राप्त था। लेकिन इसके बाद रानीगंज से महकमे का दर्जा छिन गया था। बाद में अति प्राचीन रानीगंज नगरपालिका का आसनसोल नगर निगम में विलय कर दिया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि रानीगंज के लोगों की परेशानी बढ़ गई। उन्होंने कहा कि जब पश्चिम बर्दवान के रूप में नए जिले का गठन हुआ था तो उम्मीद बढ़ी थी कि रानीगंज को फिर से महकमे का दर्जा मिलेगा। लेकिन अब तक यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। मौजूदा समय में पश्चिम बर्दवान जिले में आसनसोल और दुर्गापुर के रूप में सिर्फ 2 महकमे हैं। ऐसे में अगर रानीगंज के महकमे के दर्जे को फिर से बहाल कर दिया जाता है तो यहां के लोगों को काफी सुविधा होगी। इसके लिए सिटिजंस फोरम काफी समय से आवाज उठा रहा है। गौतम घटक ने कहा की किसी भी जिले में कम से कम 3 या 4 महकमे होने चाहिए। लेकिन पश्चिम बर्दवान जिले में आसनसोल और दुर्गापुर सिर्फ दो महकमे है। ऐसी स्थिति में रानीगंज महकमा बनाए जाने का प्रबल दावेदार है। उन्होंने आरोप लगाया कि रानीगंज शहर कहीं न कहीं विकास के मामले में वंचित रह गया है और इस शहर की अपेक्षा की गई है। रानीगंज शहर के विकास के लिए सरकार और आसनसोल नगर निगम के पास कोई ठोस योजना नहीं है।

 

फोरम के सदस्यों ने कहा कि रानीगंज में सड़कों की हालत ठीक नहीं है। पेयजल का भी समुचित प्रबंध नहीं है। रानीगंज बस स्टैंड बदहाली का शिकार है। ट्रैफिक जाम की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी हैं। रानीगंज में लंबे समय से एक ऑडिटोरियम का निर्माण करने की मांग की जा रही है। रानीगंज शहर को मॉडल टाउन के रूप में विकसित करने का भी प्रस्ताव दिया गया है।

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