Sonepur Bazari Project के विस्तारीकरण के तहत प्रभावित परिवारो की तालिका में भारी विंसगति, कोल इंडिया को लग जाएगा करोड़ो का चुना : पूर्व सांसद वंश गोपाल चैधरी

रानीगंज: कोल इंडिया की इकाई ईसीएल के अंतर्गत रानीगंज कोयलांचल के सोनपुर बाजारी के कोयले की गुणवत्ता बेदह अच्छी है। कोयले की इसी गुणवत्ता के कारण नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन अर्थात एनटीपीसी और वेस्ट बंगाल पावर डेवलापमेंट कारपोरेशन लिमिटेड अधीन पावर स्टेशनो में बड़ी मात्रा में कोयले की सप्लाई की जाती है। ईसीएल के सोनपुर बाजारी प्रोजेक्ट कोयले की इस आपूर्ति को पूरा करने के लिए हर वर्ष कोयले के उत्पादन का लक्ष्य बढ़ाया जाता है और इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सोनपुर बाजारी जमीनो का अधिग्रहण भी करती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोनपुर बाजारी प्रोजेक्ट को इस वर्ष 12 मिलियन टन कोयले के उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है और इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए जमीनो का अधिग्रहण भी किया जा रहा है। सोनपुर बाजारी ओपेन कास्ट माइंस के विस्तारीकरण के लिए 2834.31 हेक्टेयर जमीन की जरुरत है और 1847 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण का कार्य भी चल रहा है। सोनपुर बाजारी प्रोजेक्ट के विस्तारीकरण के तहत भाटमुड़ा, मधुडांगा और सोनपुर बाजारी गांव का अधिग्रहण करेगी। भाटमुड़ा और मधुडांगा में ईसीएल प्रबंधन सर्वे का काम पूरा कर चुकी है और वर्ष 2025 तक और 10 गांवो के अधिग्रहण और पुर्नवासन पर काम पूरा कर लेगी। ग्रामिणो को लेकर एक पुर्नवास कमेटी भी बनायी गयी है, जिसमें यह तय हुआ है कि प्रत्येक प्रभावित परिवार को 12 लाख 50 हजार रुपए दिए जाएंगे। इसके लिए प्रभावित परिवारो की सूची भी तैयार कर ली गयी है और इस सूची को तैयार करने के लिए ग्राम पंचायत सदस्य, प्रधान और बीडीओ को भी शामिल किया गया। परन्तु श्रमिक संगठन सीटू के पश्चिम बर्दवान जिला सचिव एवं कोलियरी मजदुर सभा आॅफ इंडिया के महासचिव व पूर्व सांसद वंश गोपाल चैधरी ने सनसनीखेज आरोप लगाया है। शुक्रवार को रानीगंज शहर स्थित सीएमएसआई यूनियन आफिस में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर सीटू के जिला महासचिव पूर्व सांसद वंश गोपाल चैधरी ने कहा कि पुर्नवास के लिए जिन परिवारो की सूची तैयार की गयी है उनमें बहुत गंभीर विसंगति देखी गयी है। प्रभावित परिवारो में बाहर के लोगो का नाम है, जिनका वास्ता सोनपुर बाजारी इलाके से नहीं है। इस तालिका में आसनसोल नगर निगम और बीरभूम जिले के रहने वाले लोगो के नाम पुर्नवास तालिका में पाए गए है। अगर इस विसंगति वाली पुर्नवास तालिका पर ध्यान नहीं दिया गया तो ईसीएल के करोड़ो रुपए का दुरुप्रयोग होना तय है। वंश गोपाल चैधरी ने इस गंभीर आरोप की शिकायत कोल इंडिया के सचिव से की है। साथ ही मांग की है कि सोनपुर बाजारी ओपेन कास्ट माइंस के विस्तारीकरण के लिए किए जा रहे पुर्नवास योजना की उच्चस्तरीय जांच हो, ताकि कारोड़ो रुपए के दुरुप्रयोग से ईसीएल को बचाया जा सके। इतना ही नहीं इसके साथ ईसीएल के जमीनो पर हो रहे अवैध कब्जे, प्रमोटरराज और जमीन दलालो द्वारा फर्जी कागजात बनाकर ईसीएल की जमीनो को बेचने का मामला कोल इंडिया के सचिव के समक्ष उठाया है। इसकी जानकारी सीटू यूनियन की ओर से ईसीएल के सीएमडी, पश्चिम बर्दवान जिलाशासक और सोनपुर बाजारी के जीएम को दी गयी है।